PMAY Scheme: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार अब छोटे कारोबारी और दुकानदारों को बड़ी राहत देनी की तैयारी में है।  न्यू अर्बन हाउसिंग स्कीम के तहत PMAY में हाउसिंग लोन छूट का दायरा बढ़ाने की योजना पर सरकार मंथन कर रही है। मोदी अपने तीसरे टर्म में इसकी घोषणा कर सकते हैं। घरों के साइज और कीमत के आधार पर लोन में छूट संभव है।

PMAY Scheme के तहत ब्लू कॉलर वर्कर्स के अलावा किन्हें मिलेगा लाभ?
सूत्रों के अनुसार इस योजना में सैलरी पर काम करने वाले ब्लू कॉलर वर्कर्स (लेबर या स्किल्ड वर्कर्स) के अलावा शहरों में खुद का रोजगार संभाल रहे (Self employed) व्यक्तियों, दुकानदारों, ट्रेडर्स, प्रोफेशनल्स सहित अन्य लोगों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस बीच केवल उधार लेने वालों की इनकम के आधार के बजाय सब्सिडी वाले लोन्स को कीमत और घरों के साइज के आधार पर निर्धारित किया जा सकता है। इसके चलते नई योजना के तहत सब्सिडी वाले होम लोन का टिकट साइज भी काफी ज्यादा होने की संभावना है।

PMAY Scheme में होम लोन का औसत साइज कितना है?
नए प्रपोजल के मुताबिक महानगरों और गैर महानगरों को कवर करते हुए 35 लाख रुपए तक की लागत वाले घरों के लिए 30 लाख रुपए तक का होम लोन सब्सिडी के साथ दिया जा सकता है। सरकार का अनुमान है कि नई योजना के तहत सब्सिडी वाले होम लोन का औसत साइज 25 लाख रुपए के आस-पास होगा। इन होम लोन्स पर ब्याज सब्सिडी लगभग 4% आंकी जाने की संभावना है। इसके साथ ही होम रजिस्ट्रियों पर स्टाम्प शुल्क में कुछ बदलावों से भी इंकार नहीं किया गया है।

PMAY Scheme के नए प्रपोजल में कौन होगा शामिल?
सूत्रों के मुताबिक इससे सेल्फ-एम्प्लॉयड और छोटे व्यवसायों को नई योजना के दायरे में लाने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर कहा था कि हम आने वाले समय में एक ऐसी नई योजना लेकर आ रहे हैं, जिससे शहरी किराएदारों, घरों, झुग्गियों, चॉलों और अनऑथोराइज कॉलोनियों में रह रहे परिवारों को फायदा होगा।अगर ये लोग अपना घर बनाना चाहते हैं, तो हम उन्हें ब्याज दरों में राहत और बैंकों से लोन में मदद करेंगे, जिससे उन्हें लाखों रुपये बचाने में मदद मिलेगी।

PMAY Scheme के तहत कितने घरों की खरीद पर मिलेगी सब्सिडी?
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के तहत शहरों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए होम लोन सब्सिडी प्रदान कर रही थी। जिसके तहत 18 लाख तक की एनुअल इनकम वाले उधारकर्ताओं को 12 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता था। लोन पर ब्याज सब्सिडी 3 से 6.5% तक थी। CLSS के तहत 5 सालों में बैंकों और HFC ने 25 लाख लोनर मिडिल इनकम वाले घरों को फाइनेंस किया है। जिससे सरकार को सब्सिडी में 59,000 करोड़ रुपए का खर्च आया है। सीएनबीसी-टीवी18 की एक्सक्लूसिव खबर के मुताबिक सरकार अब शहरी गरीबों के लिए नई ब्याज सब्सिडी योजना के तहत 1 करोड़ घरों की खरीद या निर्माण पर सब्सिडी देने का लक्ष्य रख सकती है।

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