Paris Paralympics 2024: रविवार (8 सितंबर 2024) को पेरिस में समाप्त हुए पैरालंपिक खेलों में भारत ने एक ऐतिहासिक सफलता का आनंद लिया। भारतीय दल ने 2024 के पैरालंपिक खेलों में कुल 29 मेडल जीते, जिनमें 7 गोल्ड शामिल हैं। यह भारत का अब तक का सबसे उत्कृष्ट पैरालंपिक प्रदर्शन है और देश ने पदक तालिका में 18वां स्थान हासिल किया। यह पहली बार है जब भारत ने पैरालंपिक के 17 एडीसंस में से किसी भी एडीशन में टॉप 20 में स्थान बनाया है।

भारत ने पेरिस पैरालंपिक में तोड़ा कब का रिकार्ड?
भारत ने इस बार पेरिस में टोक्यो 2020 के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जहां उसने 5 गोल्ड समेत कुल 19 मेडल जीते थे। 1960 से 2016 तक के सभी एडीशन में भारत ने केवल 12 मेडल जीते थे, जिनमें से सिर्फ चार गोल्ड थे। चार एडीशनों में (1960, 1964, 1976, 1980) भारत ने भाग नहीं लिया, जबकि छह बार (1968, 1988, 1992, 1996, 2000, 2008) वे बिना किसी मेडल के घर लौटे।

पेरिस में भारत का शानदार प्रदर्शन
पेरिस 2024 में भारत ने 7 गोल्ड मेडल जीते, जिनमें अवनि लेखरा, सुमित अंतिल, नितेश कुमार, हरविंदर सिंह, धर्मबीर नैन, प्रवीण कुमार और नवदीप सिंह शामिल हैं। इस बार भारत ने जूडो और तीरंदाजी में भी नया रिकॉर्ड बनाया, जूडो में अपना पहला पैरालंपिक मेडल और तीरंदाजी में पहला गोल्ड मेडल जीते।

कैसा रहा भारत का पिछले दो एडिशन में प्रदर्शन?
इस वर्ष का प्रदर्शन भारत के पैरालंपिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। पिछले दो एडिशनों (टोक्यो और पेरिस) में भारत ने कुल 48 मेडल जीते, जो कुल 60 मेडल्स में से एक बड़ी संख्या है। यह सफल अभियान भारतीय खेलों में नई ऊंचाइयों की ओर संकेत करता है और 2028 लॉस एंजेल्स पैरालंपिक में बेहतर प्रदर्शन की संभावना को उजागर करता है।

भारत की फ्यूचर में क्या है प्लानिंग?
पेरिस के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद भारत का फ्यूचर में और भी बेहतर करने का इरादा है। पेरिस 2024 ने भारतीय एथलीटों के लिए ग्लोबल फोरम पर अपनी स्थिति मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है।


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