नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में टैक्स पेमेंट के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजेक्शन की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की है। यह निर्णय RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा पिछले सप्ताह लिया गया था। इसके अतिरिक्त, RBI ने UPI में डेलीगेटेड पेमेंट की शुरुआत की भी जानकारी दी है, जिससे एक व्यक्ति को एक फिक्स लिमिट तक UPI के माध्यम से दूसरे व्यक्ति के बैंक एकाउंट तक पहुंचने की अनुमति मिलेगी।

UPI ट्रांजेक्शन की लिमिट के बारे में क्या की है घोषणा?
RBI ने X (पूर्व में Twitter) पर एक पोस्ट में इस बदलाव की घोषणा की। उन्होंने कहा, “UPI की सहजता और लोकप्रियता के चलते टैक्स पेमेंट जैसे हाई वैल्यू के ट्रांजेक्शन के लिए UPI की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने का निर्णय लिया गया है।” इस नई लिमिट से, हाई टैक्स लायबिलिटीज वाले लोग भी सीधे UPI के माध्यम से पेमेंट कर सकेंगे।

UPI की नई सुविधाएं क्या हैं?
RBI का उद्देश्य इस नई नीति के माध्यम से डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करना है। पारंपरिक क्रेडिट या डेबिट कार्ड की तुलना में, UPI ट्रांजेक्शन में एक्स्ट्रा प्रोसेसिंग फीस नहीं लगता है, जिससे यह एक अधिक किफायती विकल्प है। वर्तमान में अधिकांश UPI ट्रांजेक्शन के लिए सीमा 1 लाख रुपये है, लेकिन कुछ विशेष कैटेगरी जैसे कैपिटल मार्केट, इंश्योरेंस, कलेक्शन और IPO में अधिक लिमिट की अनुमति है। अब टैक्स पेमेंट भी इन हाई लिमिट वाले ट्रांजेक्शन कैटेगरी में शामिल हो गए हैं।

नए रिप्रजेंटेटिव पेमेंट की RBI ने की शुरुआत
इसके अतिरिक्त, RBI ने UPI में 'प्रतिनिधि भुगतान (Representative Payment)' नामक एक नई सुविधा शुरू की है। इस सुविधा के तहत, एक प्राईमरी यूजर अपने बैंक एकाउंट पर सेकेंड्री यूजर्स के लिए UPI ट्राजेंक्शन की लिमिट निर्धारित कर सकेगा। सरल शब्दों में, यह सुविधा फैमिली के किसी मेंबर को UPI के माध्यम से लेन-देन करने की अनुमति देती है, यदि उनके पास अपना बैंक एकांउट नहीं है तो। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बदलाव की पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्णय टैक्स पेमेंट की विशिष्टता और नियमितता को देखते हुए लिया गया है। नए नियमों के बारे में विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।

 


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