Selfie Authentication Fraud: आजकल सेल्फी लेना सिर्फ एक ट्रेंड ही नहीं, बल्कि कई जगहों पर यह पहचान के ऑथेंटिकेशन का एक माध्यम भी बन गया है। परंतु, यह कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इसका अंदाजा बहुत कम लोगों को होगा। साइबर क्रिमिनल्स अब सेल्फी का यूज कर लोगों की पर्सनल इंफार्मेशन चुराने के साथ उनके बैंक एकांउट पर भी हाथ साफ कर सकते हैं। आइए जानें कि सेल्फी से कैसे फ्रॉड होता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

सेल्फी से साइबर फ्रॉड कैसे होता है?

आपने देखा होगा कुछ बैंक या फिनटेक कंपिनयों की ऐप्स और वेबसाइट्स लोगों के वेरिफिकेशन के लिए सेल्फी का यूज करती हैं। इसके जरिए वह अपने कस्टमर की पहचान को सत्यापित करते हैं, ताकि फॉड से बचाव किया जा सके। अभी साइबर क्रिमिनल्स इसी टेक्नोलॉजी का यूज ठगी के लिए कर सकते हैं। 

1. फिशिंग अटैक

साइबर अपराधी आपको नकली ईमेल या एसएमएस भेजकर एक लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं। जब आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं, तो आप एक फर्जी वेबसाइट पर पहुंचते हैं। वहां आपसे आपकी सेल्फी खींचने और अपलोड करने के लिए कहा जाता है। इस तरह अपराधी आपकी सेल्फी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे कि आपकी पहचान का दुरुपयोग करके बैंक फ्रॉड करना।

2. मैलवेयर का इस्तेमाल

अपराधी आपके फोन में मैलवेयर इंस्टॉल कर आपके फोन के कैमरा का कंट्रोल हासिल कर लेते हैं। इस तरह वे आपकी जानकारी के बिना आपकी सेल्फी ले सकते हैं और उसका मिसयूज कर सकते हैं।

3. सोशल मीडिया और डीपफेक

साइबर हैकर्स आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल से आपकी तस्वीरें चुराकर डीपफेक तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। डीपफेक में किसी की तस्वीर से नकली फोटो या वीडियो बनाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल करके वे आपकी पहचान का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

आपका क्या नुकसान?

सेल्फी फ्रॉड के जरिए अपराधी आपके बैंक अकाउंट में सेंध लगाकर पैसे निकाल सकते हैं।
आपके नाम पर फर्जी लोन ले सकते हैं।
सेल्फी के जरिए सिमकार्ड का क्लोन बनाकर आपके नंबर पर आने वाले ओटीपी देख सकते हैं।

खुद को कैसे सुरक्षित रखें?

अनजान लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी ईमेल या एसएमएस में भेजे गए लिंक पर क्लिक करने से पहले सावधान रहें, खासकर अगर वह किसी अनजान सोर्स से हो। 

मजबूत पासवर्ड का यूज करें: अपने सभी अकाउंट्स के लिए मजबूत और यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करें।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का यूज करें: इससे आपका अकाउंट और भी सिक्योर हो जाता है।

सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें: अपने फोन और अन्य डिवाइस के सॉफ़्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें, ताकि कोई भी नया सिक्योरिटी फीचर आपको सेफ रख सके।

एंटीवायरस का यूज करें: अपने फोन को मैलवेयर से सुरक्षित रखने के लिए एक अच्छे एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का यूज करें।

सोशल मीडिया पर सावधानी: अपनी निजी जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचें और अपनी गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत रखें।

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