Stock Market Crash: घरेलू बाजार में निवेशकों को सोमवार सुबह भारी झटका लगा, क्योंकि प्रमुख इंडेक्स- सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई। ग्लोबल मार्केट में गिरावट के बाद अमेरिका में संभावित मंदी की आशंका है। 30 शेयरों वाला BSE सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 2,401.49 अंक गिरकर 78,580.46 पर आ गया, जबकि NSE निफ्टी 489.65 अंक गिरकर 24,228.05 पर आ गया।

बाजार में गिरावट से निवेशकों को 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
BSE में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैपिटलाईजेशन 2 अगस्त को 457.64 करोड़ रुपये से 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर 5 अगस्त को 446.92 करोड़ रुपये रह गया।

शेयर बाज़ार में उथल-पुथल के टॉप 5 रीजन

  • 1. मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव
  • 2. जुलाई में अमेरिका में रोजगार सृजन में गिरावट
  • 3. अमेरिका में बेरोजगारी दर में तीव्र वृद्धि होकर 4.3% हुई
  • 4. FII ने शुक्रवार को 3,310 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची।
  • 5. येन कैरी ट्रेड्स को समाप्त करना।

ग्लोबल मार्केट में गिरावट के बावजूद ग्रीन मार्क पर बने रहने वाले 5 शेयर

  • 1. हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड
  • 2. सन औषधि
  • 3. नेस्ले इंडिया
  • 4. एशियन पेंट
  • 5. ITC लिमिटेड

इन शेयरों में हुई सबसे ज्यादा गिरावट
टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, JSW स्टील, अडानी पोर्ट्स, मारुति और रिलायंस इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा गिरावट रही। इस रिपोर्ट को दाखिल करने के समय, सेंसेक्स लगभग 1700 अंक नीचे था, जबकि निफ्टी सूचकांक ग्लोबल मार्केट में बेहद कमजोर रुझानों के अनुरूप अपने 24,300 समर्थन स्तर को पार कर गया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजय कुमार ने कहा कि वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी मुख्य रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नरम लैंडिंग की आम सहमति की उम्मीदों से प्रेरित है।

गिरावट की प्रमुख वजह क्या है?
जुलाई में अमेरिकी इंप्लायमेंट जनरेशन में गिरावट और अमेरिकी बेरोजगारी दर में 4.3% की तेज वृद्धि के साथ यह उम्मीद अब खतरे में है। मध्य पूर्व में भू- राजनीतिक तनाव भी एक कंट्रीब्यूटिंग फैक्टर है। एक अन्य महत्वपूर्ण कारक येन कैरी ट्रेड का अनवाइंडिंग है जो जापानी बाजार को नुकसान पहुंचा रहा है। आज सुबह निक्केई में 4% से अधिक की गिरावट जापानी बाजार में संकट का संकेत है।

इस गिरावट से किस सेक्टर में बनेगा प्रेशर?
उन्होंने कहा कि रक्षा और रेलवे जैसे बाजार के अधिक मूल्य वाले क्षेत्रों पर दबाव आने की संभावना है। इस तेजी के दौर में गिरावट पर खरीदारी की रणनीति ने अच्छा काम किया है, लेकिन अब यह रणनीति खतरे में पड़ सकती है। निवेशकों को इस गिरावट में खरीदारी करने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। बाजार के स्थिर होने का इंतजार करें। इस बीच एशियाई मार्केट्स में सियोल, टोक्यो और हांगकांग में भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि शंघाई में तेजी दर्ज की गई। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार काफी गिरावट के साथ बंद हुए। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर ( FII) ने शुक्रवार को 3,310 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

 


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