ट्रेन के कंबल कितने दिन में धोए जाते हैं? लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कंबल महीने में एक बार धुलते हैं, जबकि चादर और तकिए रोजाना साफ किए जाते हैं। जानें, गंदे कंबल मिलने पर शिकायत कैसे करें।
Indian Railway: भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है, जो हर दिन करोड़ों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है। ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए अलग-अलग कोच उपलब्ध कराए जाते हैं, जैसे जनरल कोच, स्लीपर कोच और एसी कोच। खासकर एसी कोच में यात्रा के दौरान यात्रियों को कंबल, चादर और तकिए जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि ये कंबल और चादर कितने साफ होते हैं और इन्हें कितने दिन में धोया जाता है।
रेल मंत्री ने दिया ये जवाब
राजस्थान के गंगानगर से कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा ने लोकसभा में सवाल किया कि एसी कोच में मिलने वाले कंबल क्या केवल महीने में एक बार धोए जाते हैं? उन्होंने इसे यात्रियों के लिए बेसिक स्वच्छता मानकों के खिलाफ बताया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि ट्रेन के कंबल को महीने में एक बार धोया जाता है। यात्रियों को एक अतिरिक्त चादर दी जाती है, जिसे जरूरत पड़ने पर कंबल कवर के रूप में यूज किया जा सकता है। चादर और तकिए को लगभग रोजाना धोया जाता है।
यात्रा के दौरान गंदे कंबल मिलने पर क्या करें?
यदि यात्रा के दौरान आपको गंदे कंबल, चादर या तकिए दिए जाते हैं, तो आप रेलवे की शिकायत पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं। भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए शिकायतें दर्ज कराने के लिए ‘रेल मदद’ ऐप लॉन्च किया है। इसके जरिए आप अपनी समस्या को सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं। यदि कंबल या चादर गंदा है, तो आप ट्रेन में मौजूद ऑनबोर्ड स्टाफ से तुरंत साफ बिस्तर मांग सकते हैं।
स्वच्छता के लिए कर सकते हैं ये उपाय
वैसे देखा जाए तो भारतीय रेलवे हर दिन करोड़ों पैसेंजर्स को सर्विस देती है। इतने बड़े पैमाने पर सभी कंबलों को रोजाना धोना चुनौतीपूर्ण है। यदि आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं, तो चादर या कंबल साथ रखना बेहतर हो सकता है। आजकल बाजार में डिस्पोजेबल बेडशीट उपलब्ध हैं, जो यात्रा के दौरान एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
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Last Updated Nov 28, 2024, 3:46 PM IST