योगी सरकार ने यूपी में पंचायत सचिवों को नई जिम्मेदारियां दीं, जिससे गरीबों के लिए पीएम ग्रामीण आवास योजना का लाभ पाना आसान हो गया। अब घर पाने के लिए आवेदन की जरूरत नहीं, सचिव खुद सर्वे कर लाभार्थियों की सूची तैयार करेंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब गरीबों के घर के सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यूपी की ग्राम पंचायतों के सचिवों को सरकार ने नई और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी हैं, जिससे गरीबों के लिए पीएम ग्रामीण आवास योजना का लाभ पाना और भी आसान हो जाएगा। अब गरीबों को अपना घर पाने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पंचायत सचिव खुद ही सर्वे करेंगे और योग्य लाभार्थियों की सूची तैयार करेंगे।
ग्राम्य विकास आयुक्त ने जारी किया पत्र
पंचायत सचिव के पास पहले से ही तमाम अधिकार हैं, ताकि वह सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों को दिलवा सकें। अब उन्हें पीएम ग्रामीण आवास योजना के आवास प्लस सर्वेक्षण-2024 की जिम्मेदारी भी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने इस सिलसिले में सभी डीएम को पत्र जारी किया है।
आवेदन का झंझट खत्म, अब सचिव तय करेंगे किसे मिलेगा मकान
नये बदलाव के मुताबिक, अब तक पीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास पाने के लिए लोगों को फार्म भरना पड़ता था, आवेदन करना पड़ता था, इस प्रक्रिया में कई बार गरीबों की परेशानियां और बढ़ जाती थीं। कई लोग दस्तावेज़ जमा करने के झंझट में उलझ जाते थे। अब योगी सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को बदल दिया है। अब पंचायत सचिव खुद ही अपने गांव में घूमकर यह तय करेंगे कि कौन-कौन इस योजना का हकदार है और उन्हें आवास मिलेगा।
आवास के लिए फॉर्म भरवाने पर होगी कार्रवाई
हाल ही में, हमीरपुर के बिरखेरा गाँव में पंचायत सचिव द्वारा लाभार्थियों से फार्म भरवाने की शिकायत की गई थी। यह बात ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी के संज्ञान में आई और उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए डीएम को निर्देश जारी किया कि आवेदन या फार्म भरवाने की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाई जाए। इसके साथ ही सख्त हिदायत दी गई कि अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
नाम छूटने पर यहां कर सकते हैं शिकायत
इस नई व्यवस्था के तहत सचिव बिना किसी कागजी प्रक्रिया के घर-घर जाकर सर्वे करेंगे और लाभार्थियों की सूची तैयार करेंगे। अगर किसी गरीब का नाम छूट जाता है, तो वह सीधे पंचायत सचिव, बीडीओ या जिला स्तर की कमेटी को शिकायत पत्र दे सकता है। फिर कमेटी जांच के बाद शिकायतकर्ता का नाम लिस्ट में जोड़ सकती है।
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Last Updated Sep 10, 2024, 3:24 PM IST