NPCI के नए UPI सर्कल डेलिगेट पेमेंट्स फीचर के बारे में जानें, जो आपको अपने UPI अकाउंट को दूसरों के साथ शेयर करने और ट्रांजेक्शन करने की सुविधा देता है। जानिए इस फीचर के फायदे।
नई दिल्ली। अब आप अपना यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एकाउंट दूसरों के साथ भी शेयर कर सकते हैं। ऐसा नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के नये फीचर की वजह से संभव हो पा रहा है, जो वह अपने UPI प्लेटफॉर्म पर लेकर आया है। इस फीचर को 'UPI सर्कल डेलिगेट पेमेंट्स' नाम दिया गया है। जिसकी मदद से आप किसी अन्य को भी अपना यूपीआई एकांउट शेयर कर सकते हैं और वह इसके माध्यम से ट्रांजेक्शन भी कर सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं कि इसमें क्या खास है और यह कैसे काम करता है?
कैसे काम करेगा यह फीचर?
प्राइमरी यूजर अपने एकाउंट का मास्टर कंट्रोल अपने पास रखेगा और सेकेंडरी यूजर को कई लेबल पर अलग—अलग अधिकार दे सकता है। यदि प्राइमरी यूजर भुगतान का सारा अधिकार सेकेंडरी यूजर को देता है तो वह धनराशि का भुगतान सीधे कर सकता है। पर यदि प्राइमरी यूजर आंशिक अधिकार देता है तो सेकेंडरी यूजर को हर लेन—देन के लिए प्राइमरी यूजर की मंजूरी लेनी होगी। सेकेंडरी यूजर को पूर्ण अधिकार में प्रति मंथ ट्रांजेक्शन की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये होगी, जबकि आंशिक अधिकार में ट्रांजेक्शन के लिए मौजूदा UPI सीमा लागू होगी।
परिवारों को होगा ये फायदा
यूपीआई के इस नये फीचर से विशेष रूप से उन परिवारों को फायदा होगा, जहां सिर्फ परिवार के एक सदस्य का ही बैंक एकाउंट है। इसकी मदद से परिवार के अन्य सदस्य भी पेमेंट कर पाएंगे। नकदी पर निर्भरता कम होगी। माता-पिता खर्चों पर कंट्रोल कर पाएंगे। कर्मचारियों को भी छोटे-मोटे खर्चों की आजादी होगी।
कितनी सुरक्षित है ये सुविधा?
यूपीआई के इस नये फीचर में सुरक्षा का भी ख्याल रखा गया है। इसके लिए कई उपाय किए गए हैं। जैसे-प्राइमरी यूजर ट्रांजेक्शन की सीमा अपने मुताबिक तय कर सकता है। लेन-देन को भी सिर्फ एकाउंट होल्डर ही वेरिफाई कर सकता है। हर ट्रांजेक्शन की सूचना रियल टाइम में प्राइमरी यूजर को दी मिलेगी। ताकि वह समय रहते संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर सके।
Last Updated Aug 16, 2024, 5:48 PM IST