NPS Account: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) सरकार की ओर से शुरू की गई एक पेंशन-कम-इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसके ज़रिए आप रिटायरमेंट के लिए बचत कर सकते हैं।इसमें जमा की गई 40% राशि को एन्युटी में जमा करना ज़रूरी है, बाकी बची 60% राशि आप रिटायरमेंट के दौरान एकमुश्त निकाल सकते हैं।

NPS में इन्वेस्ट से क्या मिलता है लाभ?
एनपीएस को भारतीय पेंशन निधि नियामक प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा रेगुलेट किया जाता है और इसमें 18 से 70 साल की उम्र का कोई भी निवेश कर सकता है। इसे 75 साल की उम्र तक जारी रखा जा सकता है। इसमें इनवेस्ट करने पर टैक्स बेनीफिट भी मिलता है। NPS में कस्टमर द्वारा निवेश की गई रकम को बाज़ार आधारित निवेश विकल्पों (Market-linked investments) जैसे इक्विटी, सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड आदि में निवेश किया जाता है। इस तरह पेंशन की रकम मार्केट के प्रदर्शन के आधार पर तय होती है।

NPS Account से कितनी बार कर सकते हैं पार्शल विड्रॉल?
एनपीएस की पूरी अवधि के दौरान कस्टमर को 3 बार पार्शल विड्रॉल करने (यानी जमा राशि में से कुछ हिस्सा निकालने) की सुविधा मिलती है। पार्शल विड्रॉल के ज़रिए 25% राशि निकाली जा सकती है। इसके अलावा एनपीएस में 3 साल की लॉक-इन अवधि भी होती है, जिसका मतलब है कि अकाउंट खोलने के 3 साल बाद ही पहला पार्शल विड्रॉल किया जा सकता है। दूसरी व तीसरी बार पार्शल विड्रॉल करने को लेकर कोई लॉक-इन अवधि नहीं है। पार्शल विड्रॉल विशेष उद्देश्यों जैसे-घर खरीदने, बच्चों की शिक्षा, शादी या गंभीर बीमारी आदि के लिए ही किया जा सकता है। 

NPS में इन्वेस्टमेंट पर कितना मिलता है टैक्स बेनिफिट?
NPS कस्टमर्स को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80C के तहत टैक्स में 1.5 लाख रु. तक की छूट दी जाती है। इसके अलावा कस्टमर्स धारा 80CCD (1) के तहत 1.5 लाख रु. और धारा 80CCD (1B) के तहत 50,000 रु. तक टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इतना ही नहीं NPS मॉडल के तहत आने वाले कॉर्पोरेट कर्मचारियों को अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिलता है। यह बेनिफिट उनके एंप्लॉयर द्वारा NPS में किए गए कॉन्ट्रिब्यूशन पर मिलता है। धारा 80C और 80CCD (1B) के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 10% हिस्से पर अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिलता है। यह डिडक्शन 7.5 लाख रु. तक के टैक्सेबल इनकम पर लागू है।

NPS  है पूरी तरह से टैक्स फ्री योजना 
निवेशक की उम्र 60 साल हो जाने पर NPS मैच्योर हो जाता है। हालांकि, मैच्योरिटी के समय जमा राशि का केवल 60% ही निकाला जा सकता है। शेष 40% राशि को एन्युटी में निवेश करना अनिवार्य है। पहले NPS से एकमुश्त निकाली गई 60% रकम में से 40% पर ही टैक्स में छूट मिलती थी। बाकी बची 20% राशि पर कस्टमर के इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स लिया जाता था। हालांकि, यूनियन बजट 2019 में घोषणा के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 से अब पूरी 60% रकम पर टैक्स बेनिफिट मिलता है। यह NPS को पूरी तरह से टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट स्कीम बनाता है।


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