महिला छात्रावास में छात्राओं से कराई जाती है मजदूरी

मामला छतरपुर के ईशानगर कस्तूरबा गांधी छात्रावास का जहां अधीक्षका लक्ष्मी धनधोरिया ने बच्चों को मजदूरी पर लगा रखा है। यहां मासूमों के हाथों में पेन कॉपी किताब की जगह मजदूरी की टोकरी थमा दी गई है और इन बच्चों से बड़े मजदूरों सा काम कराया जा रहा है।

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छतरपुर-मध्य प्रेदश के छतरपुर ईशा नगर विकास खंड के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास है। जहां छात्राओं को बेहतर शिक्षा स्वास्थ्य वातावरण मुहैया कराने के लिए छात्रावासों का प्रबंध किया गया है। जिसमें रहकर बेटियां अच्छे से पढ़ लिख सकें इसको लेकर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन स्थानीय अधिकारियों की मनमानी के चलते छात्रावास में रह रही छात्राओं को इन योजनाओं और सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। छात्रावास में साफ-सफाई और भरपेट खाना मिलना तो दूर यहां छात्रावास की बनने वाली बाउंड्री वॉल के काम में ईट गारा भी ढोना पड़ रहा है। और मासूमों का बचपन मेहनत मजदूरी की आग में जल रहा है। मामला छतरपुर के ईशानगर कस्तूरबा गांधी छात्रावास का जहां अधीक्षका लक्ष्मी धनधोरिया ने बच्चों को मजदूरी पर लगा रखा है। यहां मासूमों के हाथों में पेन कॉपी किताब की जगह मजदूरी की टोकरी थमा दी गई है और इन बच्चों से बड़े मजदूरों सा काम कराया जा रहा है।

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