इस वीडियो सीरीज के तीसरे अंक में लेखक हिंदोल सेनगुप्ता ने उन तथ्यों को दुरुस्त किया है, जिनके अनुसार कश्मीर का मसला संयुक्त राष्ट्र में ले जाने के लिए सरदार पटेल जिम्मेदार थे। देंखे जब माउंटबेटन की विनाशकारी सलाह पर जवाहर लाल नेहरू ने यह मुद्दा उठाया तो सरदार पटेल का क्या रुख था।
सेनगुप्ता ने ऐतिहासिक दुष्प्रचार के दस्तावेज को अपनी आने वाली किताब 'द मैन हू चेंज इंडिया' और शृंखला में चुनौती दी है।
हिंदोल सेनगुप्ता के अनुसार, लोगों का मानना है कि सरदार पटेल इस विचार से सहमत थे कि भारत को कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना चाहिए। यह पूरी तरह असत्य है। सरदार पटेल का मानना था कि यह एक अच्छा विचार नहीं होगा। एक कहानी कई बार सुनाई जाती है कि जब लॉर्ड माउंटबेटन की सलाह पर जवाहर लाल नेहरू मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना चाहते थे तो उन्होंने कहा था, 'जवाहर रोएगा'। यानी नेहरू को इस फैसले के लिए पछताना पड़ेगा। इसके बाद सरदार पटेल ने कई मंचों और रैलियों में कहा कि वह इस विचार से सहमत नहीं थे कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मामला ले जाया जाए। यहां तक कि वह इससे नाखुश भी थे। एक भाषण में उन्होंने कहा था कि सुरक्षा परिषद कश्मीर विवाद को हल नहीं कर सकती। अगर वह इस मामले में अपनी टांग अड़ाती है तो उसे 'असुरक्षा परिषद' कहा जाएगा। इन तथ्यों का पूरी तरह दस्तावेजीकरण हुआ है।
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Last Updated Jul 30, 2018, 12:16 PM IST