नीलम गोकुलसिंह गैर मुस्लिम है लेकिन पूरी आस्था के साथ रमजान में 30 दिन रोज़ा रहती हैं।
फिनटेक कंपनी में एम्प्लोयी नीलम दो साल पहले दुबई आई तो उन्होंने अपने इर्द गिर्द के लोगों को देख कर रोज़ा रखना शुरू किया। उनके मैक्सिमम साथी रमजान में ज्यादातर रोज़ा रखते थे।
नीलम ने फ़ास्ट रखना मलेशिया से शुरू किया था , जहां वह एक स्टूडेंट थी। मलेशिया में अपने सारे मुस्लिम दोस्तों के साथ सुहूर और इफ्तार करते हैं मेरे लिए।
नीलम का मानना है उपवास के आध्यात्मिक पहलू को समझना शामिल है, जहां व्यक्ति खुद को शुद्ध करते हैं और संबंधित अवधारणाओं को अपनाते हैं।
नीलम सेहरी में कम खाती हैं लेकिन इफ्तार बहुत खास होता है। आम तौर पर खजूर, जूस, फल, सब्जियां और मांस शामिल होते हैं जिन्हें ऑर्डर किया जाता है, या हम कहीं बाहर खाने जाते हैं।
नीलम खुद को लंबे समय तक यूएई का निवासी मानती हैं , इसलिए अब अरबी सीखना सीखेंगी , जिसे वो शायद इस साल के अंत में शुरू करेंगी।