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बहुत से लोग शराब के साथ अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। लेकिन कब ये आदत में बदल जाती है, इसका पता नहीं चलता।
मस्तिष्क में डोपामिन न्यूरॉन शराब के असर को बढ़ाता है, जिससे बार-बार पीने की इच्छा होती है।
RASGRF-2 जीन मस्तिष्क में डोपामिन रिलीज को तेज करता है, जिससे शराब पीने का आनंद बढ़ जाता है।
14 साल के 663 बच्चों पर की गई स्टडी में पाया गया कि जिनमें RASGRF-2 जीन था, उन्होंने शराब की आदत को जल्दी अपनाया।
सिर्फ जीन नहीं, संगति भी शराब की लत का कारण हो सकती है। शराबी लोगों के साथ समय बिताने से लत की संभावना बढ़ती है।
शराब की लत से बचना मानसिक स्थिति और इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। सही समय पर निर्णय लेना जरूरी है।
शराब की लत आपके स्वास्थ्य और जीवन को प्रभावित कर सकती है। समय रहते सतर्क रहें।