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आजकल गलत लाइफस्टाइल की वजह से लोग बड़ी संख्या में पेट की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, जो उनके जीवन को नरक बनाकर रख देता है।
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि स्वाद के लालच में लोग ज्यादा खाना खा लेते हैं। उसकी वजह से ऐसा हो रहा है।
दरअसल, ज्यादा भोजन करना हमारी सेहत के लिए ठीक नहीं होता। हमे उतना ही भोजन करना चाहिए, जितना खाना हमारा पाचन तंत्र आसानी से पचा ले।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि यदि 4 रोटी, दाल, चावल और सब्जी से आपका पेट भर जाता है तो उसी से काम चलाएं। ज्यादा खाने के लालच में न पड़े। यह नुकसान कर सकता है।
वह कहते हैं कि यदि अपना भोजन करने के बाद भी आपको लगता है कि आप 2 रोटी और खा सकते हैं तो उसे न खाएं तो ही बेहतर है, क्योंकि यह कब्ज जैसी बीमारी को न्यौता देता है।
प्रेमानंद महाराज लोगों को डेली सुबह वज्रासन में बैठकर गुनगुना पानी पीने की सलाह देते हैं।
वह कहते हैं कि पानी पीने के बाद लोगों को थोड़ा टहलना चाहिए। इससे पेट अच्छी तरह से साफ होना शुरू हो जाएगा।
छोले-कुल्चे, समोसे जैसी चीजें नहीं खानी चाहिए। खूब मेहनत करने वाले ही इस तरह के खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से पचा सकते हैं।
वह कहते हैं कि पेट की बीमारी को दूर रखने के लिए आपकी दिनचर्या नियमित होनी चाहिए और आपको रेगुलर व्यायाम करना चाहिए।