Lifestyle
ICMR रिसर्च के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के मामलों और मृत्यु दर में 2045 तक तेजी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी का प्रारंभिक चरण में पता चलने से उपचार के बेहतर परिणाम मिल सकते हैं और मरीजों के जिंदा रहने की दर में सुधार हो सकता है।
डॉक्टरों के मुताबिक, ब्रेस्ट में गांठ होना ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक है।
दिल्ली एम्स के डॉ. अभिषेक शंकर के अनुसार, बांह के नीचे या कॉलरबोन के पास सूजन पाएं तो इसे हल्के में न लें। निप्पल से डिस्चार्ज और ब्रेस्ट की त्वचा में बदलाव भी कैंसर के संकेत।
ब्रेस्ट में दर्द और उसके आकार में चेंजेज भी गंभीर संकेत हो सकते हैं। कई मामलों में ब्रेस्ट या निप्पल की त्वचा पर लालिमा या दाने भी देखे गए हैं।
भारत में ब्रेस्ट कैंसर के बाद जीवित रहने की दर 66.4% है। मैमोग्राफी एक मानक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर की मृत्यु दर कम करने में मदद मिली है।
डॉ. दिव्या सेहरा का कहना है कि बिना लक्षणों के भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। इसलिए स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण है।