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कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दुनियाभर में लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई। कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने इसके साइड इफेक्ट्स की बात को कबूला है।
कोविडशील्ड और वैक्सजेवरिया वैक्सीन के साइडइ फेक्ट्स में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम की बात कबूली गई है। इस सिंड्रोम के कारण शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं।
खून जमने के कारण कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) और ब्रेन स्ट्रोक (Brain stroke) की समस्या होती है। अगर इलाज समय पर न मिले तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
मामला ये है कि ब्रिटेन का एक व्यक्ति स्कॉट थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से जूझ रहा है। उनका ब्रेन डैमेज हो गया है। स्कॉट ने ही कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया था।
केवल एक ही व्यक्ति नहीं बल्कि ब्रिटेन की कोर्ट में कई लोगों ने कंपनी के खिलाफ आरोप लगाएं हैं। प्रभावित लोगों का कहना है कि वैक्सीन लेने के बाद शरीर में दुष्प्रभाव दिख रहे हैं।
एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कंपनी ने माना कि व्यक्ति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हो सकता है लेकिन ये रेयर (दुर्लभ) है।
एस्ट्राजेनेका कंपनी ने अपने बचाव में ये बात कही कि भले ही कोरोना वैक्सीन के दुर्लभ दुष्प्रभाव हो लेकिन वैक्सीन ने 60 लाख लोगों की जिंदगी बचाई है।