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बारिश का मौसम आते ही डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं। कई राज्यों में लगातार इसके मामले बढ़ रहे हैं। जगह-जगह इकट्ठा पानी में लार्वा से उत्पन्न मच्छर जान के लिए खतरनाक है।
बारिश में पानी इकट्ठा होना आम बात है जहां एडीज प्रजाति के मच्छर अंडे देते हैं और मच्छरों की संख्या में इजाफा होता है। एक तरह से वायरल फैलाते हैं तो डेंगू का रूप ले लेता है।
अगर डेंगू बीमारी की पहचान शुरुआत में कर ली जाए तो इलाज हो सकता है लेकिन हालत ज्यादा बिगड़ने पर मौत भी हो जाती है। हर साल देश में डेंगू से हजारों मौतें होती हैं।
डेंगू के लक्षणों में सबसे आम तेज बुखार है। इसके अलावा सिरदर्द,आंखों में दर्द-शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव और या फिर नाक, मसूड़ों से खून आना भी डेंगू के लक्षण हो सकते हैं।
वहीं डेंगू होने पर मितली, पेट में ऐंठन, ब्लीडिंग, चिड़ाचिड़ापन, ग्लैंड्स में सूजन, स्किन का कलर पीला होना,शरीर काठंड रहना, बैचेन होना और बार-बार प्यास लगना भी डेंग के लक्षण हैं।
डेंगू के मच्छर दिन में ज्यादा एक्टिव रहते हैं। ऐसे में कोशिश करें की बारिश के मौसम में फुल कपड़े पहनें। वहीं सोते वक्त मच्छदानी या फिर मॉस्किटो मास्क का यूज करें।
बारिश के मौसम में घर के आसपास या फिर बाहर पानी बिल्कुल ना भर दें,जहां मच्छर इकट्ठा होकर अंडे ना हो पाए। वहीं कूलर के पानी को भी लगातार बदलते रहे।
वहीं अगर आपको ऊपर बताएं गए लक्षणों में कोई भी लक्षण नजर आ रहा है तो बिना देरी के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज कराएं।