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प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप जानने के बाद टूरिस्ट प्लेस के लिए इंटरनेट पर लक्षद्वीप ट्रेंड कर रहा है। जिससे मालदीव को मिर्ची लग गई और वहां की मंत्री ने विवादित टिप्पणी की।
पीएम मोदी और भारतीयों पर मालदीव के मंत्रियों के विवादित टिप्पणी के बाद ट्विटर पर बायकॉट मालदीव ट्रेंड कर रहा है। लोग मालदीव की जगह लक्षद्वीप को चुन रहे हैं।
लक्षद्वीप कोस्टल एरिया है जो केरल से 406 किलोमीटर दूर स्थित है लेकिन क्या आप जानते हैं आजादी के वक्त लक्षद्वीप भारत का हिस्सा नहीं था।
भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बीच पंजाब,बंगाल सिंध जैसे हिस्सों पर फोकस था क्योंकि लक्षद्वीप मैनलैंड से दूर था। ऐसे में ना भारत ना पाकिस्तान ने लक्षद्वीप पर अधिकार जमाया।
लक्षद्वीप शुरू से मुस्लिम बहुल इलाका है। जिन्ना रियासतों व लक्षद्वीप को पाकिस्तान का हिस्सा बनाना चाहते थे हालांकि दोनों देशों ने इस पर दावा नहीं किया तो असमंजस की स्थिति बनी रही।
बंटवारे के वक्त लक्षद्वीप ऐसा इलाका था जहां किसी ने दावा नहीं किया था। इसलिए पाकिस्तान ने लक्षद्वीप पर कब्जा करने के लिए कराची से एक युद्धपोत को रवाना किया।
दूसरी तरफ सरदार वल्लभभाई रियासतों को भारत में रियासतों को एक करने की कोशिश में थे। वह पाकिस्तान की इस हरकत को भांप गए और उन्होंने भारतीय सेना को लक्षद्वीप के ओर रवाना किया।
आखिरकार भारतीय पाकिस्तान से पहले लक्षद्वीप पहुंच चुकी थी और वहां पर भारत का झंडा फहरा दिया। जब पाकिस्तान सेना ने लक्षद्वीप पर भारतीय तिरंगा देखा तो वह भाग खड़ी हुई।
लक्षद्वीप 36 द्वीपों का समूह हैं जिसका क्षेत्रफल 32.62 है। इसलिए इसे 1956 को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। इसे पहले लक्कादीव के नाम जाना जाता था 1973 में नाम लक्षद्वीप रखा गया।