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गर्मियों में हाइड्रेट रहने के लिए तरबूज खाने से बेहतर कोई फल नहीं है। इसमें 90 फीसदी तक पानी होता है लेकिन आजकल बाजार में असली की जगह नकली तरबूजों ने जगह ले ली है।
बिक्री बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगा हुआ तरबूज बाजार में बेचा जा रहा है। ये दिखने ज्यादा फ्रेश और लाल लगता है ताकि आसानी से लोग इसे खरीद सकें। जो सेहत के लिए हानिकारक है।
तरबूजों के मौसम से पहले FSSAI ने सतर्क किया है और लोगों को नकली-असली तरबूजों की पहचान करने के लिए कुछ टिप्स भी दिए हैं जिसे जानकर भी असली तरबूज खरीद सकते हैं।
अगर तरबूज कुछ ज्यादा लाल है तो उसे हिस्सों में काट ले और छोटी से रुई लेकर गूदे पर रगड़ दें,अगर रुई में कोई रंग नहीं आता है तो ये असली है और इसका स्वाद मीठा होगा।
ज्यादातर देखा गया है कैमिकल वाल तरबूज को इंजेक्शन लगाकर ताजा और लाल तो रखा जा सकता है लेकिन उनके अंदर मिठास नहीं लाई जा सकती।
तरबूज को ताजा रखने के लिए लाल डाई जिसे एरिथ्रोसिन कहते है उसका यूज किया जाता है। जो शरीर को भारी नुकसान पहुंचाती है यहां सरकार ने भी इस पर सख्त रुख अपना रखा है।
कैमिकल तरबूज का सेवन मतलब बीमारियों को दावत देने जैसा है। इसे खाने के बाद दस्त,उल्टी जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।