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देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म इलाहाबाद के मीरगंज की बदनाम गलियों में हुआ था।
चाचा नेहरू के बचपन के 10 साल मीरगंज मोहल्ले में किराए के मकान में गुजरा। कहा जाता है यहां मुजरा होता था।
नेहरू के पिता दिल्ली से इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत के लिए आए थे जहां 1889 में नेहरू का जन्म हुआ। मुजरा के कारण नेहरू के पिता ने यह 1899 में इलाका छोड़ दिया था।
मीरगंज के कुछ मकानों में मुजरा होता था। लेकिन यह सब कुछ खुलेआम नहीं गुपचुप तरीके से होता था लेकिन इसके चर्चे दूर-दूर तक थे।
वक्त गुजरने के साथ-साथ मीरगंज में मुजरे के साथ-साथ वेश्यावृत्ति होने लगी । यही वजह है की आजादी से पहले मीरगंज को खाली करने के लिए आवाज उठाई जाने लगी।
जैसे-जैसे मीरगंज में वेश्यावृत्ति बढ़ने लगी शरीफ लोगों ने इन गलियों से गुजरा छोड़ दिया।
77 मीरगंज पंडित नेहरू के परिवार का ठिकाना था जिसे नगर पालिका ने 1931 में गिरा दिया था।