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व्यक्ति की मौत होने पर शव का पोस्टमार्टम किया जाता है। अक्सर लोगों के मन में जिज्ञासा रहती है कि आखिर पोस्टमार्टम या Autopsy में क्या किया जाता है।
यदि किसी व्यक्ति की अचानक मौत हो जाती है तो मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम किया जाता है। इसे ऑटोप्सी (Autopsy) के नाम से भी जाना जाता है।
मरने के 8 से 10 घंटे के भीतर की शरीर का पोस्टमार्टम किया जाता है। इसके बाद शरीर में बदलाव होने लगते हैं तो मौत का सटीक कारण नहीं पता चल पाता है।
शरीर के बाहरी हिस्से की जांच के बाद सिर से लेकर पेट तक चीरा लगाया जाता है। इसके लिए मेडिकल औजार इस्तेमाल किए जाते हैं।
भले ही आपको सुनने में अजीब लगे लेकिन ये बात एकदम सच है। पोस्टमार्टम में शरीर को चीरकर अंगों (दिल, किडनी, लीवर) को बाहर निकालते हैं। जांच के बाद अंगों को वापस रखकर सिल दिया जाता है।
शव का Postmortem होने के कुछ समय बाद रिपोर्ट्स आ जाती है। व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हुई है या फिर जहर खाने से, सभी बातें Postmortem Reports से पता चल जाती हैं।
ट्य़ूबलाइट की रोशनी में घाव बैंगनी रंग के हो जाते हैं। इस कारण से दिन के उजाले में पोस्टमार्टम किया जताा है। अब कुछ स्थानों में विशेष सुविधाओं के तहत 24 घंटे पोस्टमार्टम होता है।
शव का पोस्टमार्टम पैथोलोजिस्ट करते हैं। पैथोलोजिस्ट ही शरीर के विभिन्न अंगों का अध्ययन करते हैं और मौत के कारणों का पता लगाते हैं। 24 घंटे में इनीशियल रिपोर्ट मिल जाती है।