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फेफड़ों का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। यह आमतौर पर सांस की नली की कोशिकाओं में शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है।
धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। धूम्रपान करने वालों में इस बीमारी का जोखिम 20 गुना अधिक होता है।
निष्क्रिय धूम्रपान भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। घर, काम और सार्वजनिक स्थानों को स्मोकिंग फ्री रखें।
वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर का एक बड़ा कारण है। मास्क का उपयोग करें और खराब एयर क्वालिटी वाले दिनों में बाहर निकलने से बचें।
कुछ बिजनेस में एस्बेस्टस, आर्सेनिक, और निकल जैसे खतरनाक पदार्थों के संपर्क से बचना जरूरी है। कार्यस्थल पर सिक्योरिटी गाइडलाइंस का पालन करें।
हाई रिस्क वाली आबादी के लिए लो-डोज सीटी स्कैन से नियमित जांच आवश्यक है। यह प्रारंभिक पहचान में मदद करता है और समय पर इलाज संभव बनाता है।
स्टेज 1 और 2 में 5 साल तक जीवित रहने की दर 60-80% हो सकती है। स्टेज 4 में यह घटकर 6-8% रह जाती है।