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8 मार्च को शिवभक्तों का पावन पर्व महाशिवरात्रि मनाया जाएगा। इस दिन बाब भोले की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। लोग शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं लेकिन इसके सही नियम पता होना जरुरी है।
ज्यादातर देखा गया है कि महिलाएं और पुरुष दोनों ही मंदिर और घरों में शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं लेकिन मान्यताओं के मुताबिक इसके लिए भी कुछ नियम है जिसका पालन जरुर करना चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार अविवाहित युवतियों का शिवलिंग पर जल चढ़ाना वर्जित है। ये बेहद अशुभ होता है क्योंकि लिंगम एक साथ यौनी जो देवी शक्ति का प्रतीक है उसका प्रतिनिधित्व करता है।
खासकर अविवाहित महिलाओं को शिवलिंग नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से मां पार्वती नाराज हो जाती हैं क्योंकि पत्नी स्वरुप में किसी स्त्री का महादेव के करीब आना माता को पसंद नहीं है।
मान्यताओं के अनुसार अगर कोई अविवाहित महिला शिवलिंग को बार-बार छूती है तो उसकी पूजा का विपरीत असर भी हो सकता है और मां पार्वती नाराज होकर बुरा फल दे सकती हैं।
ऐसा नहीं है की केवल अविवाहित महिलाएं ही शिवलिंग नहीं छू सकती। विवाहित महिलाओं को भी शिवलिंग नहीं छूना चाहिए। वह मूर्ति रुप में शिव-पार्वती की पूजा कर सकती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,सिर्फ माता पार्वती को केवल शिवलिंग को छूने का अधिकार है। वही अपने आराध्य को छू सकती हैं और शिवलिंग आकार में उनकी पूजा कर सकती हैं।
शिवलिंग की पूजा का नियम खासकर महिलाओं के लिए है। जहां माता पार्वती इस बात से खुश नहीं होती है ऐसे में महिलाओं को शिवलिंग छूने से बचना चाहिए। जबकि पुरुष पूजा कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पर केवल शिवजी ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार की पूजा करनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार,शिव-पार्वती,गणेश और कार्तिकेय को एक साथ पूजने से पूजा का महत्व बढ़ जाता है।