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EHP में प्रकाशित एक स्टडी ने वाकई लोगों को हैरान कर दिया है। खाने के जरिए इंसान के शरीर में प्लास्टिक के छोटे कण पहुंच रहे हैं। इन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक आंतों से सीधा दिमाग में पहुंच सकती है। हवा, पानी से लेकर खाने तक हर जगह माइक्रोप्लास्टिक फैल चुकी है। इंसान के शरीर में भी इसकी कुछ मात्रा पहुंचने लगी है।
चूहों में किए गए अध्ययन से पता चला कि माइक्रोप्लास्टिक आंतों से सीधा दिमाग में पहुंच रही है। यानी इंसानों में भी ये हो रहा है या हो सकता है।
जिन लोगों को संक्रमण की समस्या रहती है, माइक्रोप्लास्टिक के कारण संक्रमण का ठीक होना मानों मुश्किल हो जाएगा।
शरीर में माइक्रोप्लास्टिक की अधिक मात्रा अमीनो एसिड, लिपिड और हॉर्मोन मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ देगी। इस कारण से शरीर में बुरा प्रभाव पड़ेगा।
रिसर्चर्स अभी भी इंसानों में माइक्रोप्लास्टिक के अधिक दुष्प्रभावों के बारे में स्टडी कर रहे हैं। धरती में दिन प्रति दिन प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता जा रहा है।
वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम (डब्ल्यूईएफ)की मानें तो दुनियाभर में प्लास्टिक का उपयोग 8.3 अरब टन है जो कि खतरनाक स्थिति में है। हेल्दी रहना है तो प्लास्टिक की चीजों से दूरी जरूर बनाएं।