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सोशल मीडिया में ऐसे कई वीडियों हैं जिनमें मां स्टोर ब्रेस्टमिल्क बच्चे के बाथटब में डालती दिख जाएंगी। वहीं कुछ माएं दूध को बच्चे के स्किन में लगाती दिखती हैं।
सोशल मीडिया में इन दिनों ब्रेस्टमिल्क का फीड के अलावा कई दिक्कतों में इस्तेमाल दिखाई दे रहा है। NDTV से बात करते हुए नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. अनुज यादव ने कुछ बातें बताई हैं।
डॉ. बताते हैं कि मां का दूध बच्चे के विकास और पोषण के साथ ही कान के इंफेक्शन, टाइप 1 डायबिटीज के खतरे, मोटापा आदि को दूर करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।
इस बारे में डॉ. रोली बंथिया ने इंडिया टुडे से बताया कि मां के दूध में विटामिंस, मिनिरल्स और एंटीबॉडी का सोर्स होता है। ब्रेस्टमिल्क का उपयोग अन्य समस्याओं में भी किया जा सकता है।
कोलोस्ट्रम में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। अगर बच्चे के कहीं हल्की चोट लग जाए तो ब्रेस्टमिल्क का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ब्रेस्टमिल्क में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियाल गुण होते हैं। ब्रेस्टमिल्क का उपयोग डायपर रैश, बच्चों की खरोंच में, मसूड़ों के दर्द को सही करने में भी उपयोगी होता है।
ब्रेस्ट मिल्क को कमरे के टेम्परेचर 24-26 डिग्री सेल्सियस में स्टोर करना चाहिए। रेफ्रिजरेटर में ब्रेस्टमिल्क 24-48 घंटे तक सुरक्षित रख सकते हैं।
अगर मां को कोई बीमारी है तो ब्रेस्टमिल्क को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। डॉक्टर से सलाह लेकर ही बच्चों में अन्य दिक्कतों को ठीक करने के लिए ब्रेस्टमिल्क इस्तेमाल करें।