Motivational News
यदि किसी को जान-बूझकर झूठ बोलने में भी लज्जा नहीं आती तो वह कोई भी पाप कर्म कर सकता है। निश्चय करना चाहिए कि हंसी-मजाक में भी झूठ नहीं बोलूंगा।
गौतम बुद्ध कहते हैं कि अतीत और भविष्य के बारे में मत सोचो। व्यक्ति को वर्तमान में रहना चाहिए।
लोग विभिन्न साम्प्रदायिक मतों को लेकर अनेक तर्क पेश कर, सत्य और असत्य दोनों का प्रतिपादन करते हैं। जगत में सत्य एक है, अनेक नहीं।
सत्यवाणी ही अमृतवाणी और सनातन धर्म है। असत्यवादी नरक में जाते हैं। संतजन सत्य पर दृढ़ रहते हैं।
उन लोगों का साधुपना औंधे घड़े की तरह है, जिन्हें जान-बूझकर झूठ बोलने में शर्म नहीं आती। साधुता की एक बूंद भी उनके हृदय में नहीं है।
व्यक्ति को एकांत हो या सभा, कहीं असत्य वचन नहीं कहना चाहिए। न ही ऐसा करने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित और प्रेरित करना चाहिए।
खुद पर विजय प्राप्त करना ही तुम्हारी जीत है। यह ऐसी जीत होगी कि कोई इसे छीन नहीं सकता। हजारों लड़ाइयों से बेहतर है कि खुद पर विजय हासिल करो।
गौतम बुद्ध कहते हैं कि जिसे शब्द से शांति आए, वह सबसे अच्छा शब्द है।
सेहत ही आपके लिए सबसे बड़ा उपहार है। सबसे बड़ा संबंध वफादारी होती है और संतोष सबसे बड़ा धन।
मनुष्य को मोझ पाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहने के बजाए खुद ही मेहनत करनी होती है।