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आधुनिक भारत के शिल्पकार कहे जाने वाले पूर्व पीएम राजीव गांधी की 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी। आइए आपको उनके 10 अनमोल विचारों से रूबरू कराते हैं।
समय के साथ योजनाओं को बदलकर विकास के साथ आगे बढ़ना होगा। कठोर और हठधर्मी योजना नहीं होनी चाहिए।
भारत एक प्राचीन देश है, पर युवा राष्ट्र है।
विकास लोगों के बारे में है। कारखानों, बांधों और सड़कों को विकास नहीं कहा जाता। लोगों की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पूर्ति के साथ मानवीय मूल्यों को वरीयता दी जाती है।
महिलाएं समाज को एक साथ जोड़ कर रखती हैं। वह देश की सामाजिक चेतना होती हैं।
आंतरिक झगड़ों और आपसी संघर्ष से देश कमजोर हुआ है। उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। बाहरी खतरा बढ़ता है। हर शख्स को अपने इतिहास से सबक लेना चाहिए।
शिक्षा ऐसा उपकरण है, जो हजारो वर्षों की सामाजिक व्यवस्था को बराबरी के स्तर पर ला सकता है।
किसान मजबूत हैं तो देश की स्वतंत्रता भी मजबूत होती है। यदि वह कमजोर हैं तो देश आत्मनिर्भरता को खो देता है।
यदि कृषि में प्रगति को बरकरार नहीं रखा गया तो हम देश से गरीबी को मिटा नहीं सकते।
पीढ़ियों के निरंतर परिश्रम की वजह से सभ्यताएं निर्मित होती हैं। आलस्य और साफ्टनेस की वजह से सभ्यताओं का पतन होता है।
प्रशासन और लोगों के बीच संपर्क के बिंदु पर एक जवाबदेह प्रशासन का परीक्षण किया जाता है।