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Google के CEO सुन्दर पिचाई कंपनी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बहुत महत्व देते हैं। वो न सिर्फ यूजर्स के लिए बल्कि अपने बच्चों की पढ़ाई में भी AI का इस्तेमाल करते हैं।
Bloomberg को दिए इंटरव्यू में सुंदर पिचाई ने बताया कि वो अपने बच्चों की पढ़ाई में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हैं। उनके होमवर्क में Google Lens की मदद लेते हैं।
गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक के CEO सुंदर पिचाई अमेरिका की कॉरपोरेट दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले एग्जीक्यूटिव हैं। उनका जन्म चेन्नई में 12 जुलाई 1972 को हुआ।
उनके पिता ब्रिटिश कंपनी जीईसी में इंजीनियर थे। 2 कमरों के मकान में वो छोटे भाई के साथ ड्राइंग रूम की फर्श पर सोते थे। घर में न तो टीवी थी, न कार। पिचाई का बचपन संघर्षों में गुजरा।
अभाव में ही पिचाई ने मात्र 17 साल की उम्र में IIT का इंट्रेंस एग्जाम क्रैक कर खड़गपुर में दाखिला लिया। हमेशा टॉपर रहे पिचाई छात्रवृत्ति लेकर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका गए।
पिचाई ने इंटरव्यू में बताया कि पढ़ाई के लिए जब उन्होंने अमेरिका आने का फैसला किया तो वह आसान नहीं था। उस वक्त उनके पिता ने अपनी सालभर की सैलरी देकर हवाई जहाज की टिकट खरीदी थी।
जब वह अमेरिका पहुंचे तो ISD कॉल का चार्ज 2 डॉलर प्रति मिनट था। जिसकी वजह से वह अपने घर पर बात तक नहीं कर पाते थे। जिंदगी में उन्होंने पहली बार कंप्यूटर अमेरिका में ही देखा था।
सुंदर पिचाई ने मटेरियल इंजीनियर के रूप में काम शुरू किया। वर्ष 2004 में मैनेजमेंट एक्जीक्यूटिव के रूप में गूगल में शामिल हुए। 2019 में उन्हें गूगल-अल्फाबेट कंपनी का CEO बनाया गया।
आज पिचाई दुनिया के सबसे महंगे CEO हैं। पिछले साल 22.6 करोड़ डॉलर की सैलरी पाने वाले पिचाई को प्रतिदिन 5,16,27,161 रुपये मिले थे। उनकी नेटवर्थ करीब 5400 करोड़ रुपये आंकी गई है।