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राजस्थान के दौसा जिले के बापी गांव के रहने वाले रामभजन के मॉं और पिता दोनों मजदूरी करते थे। उन्होंने भी बचपन में पत्थर तोड़ें।
रामभजन की शुरूआती पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से हुई। 12वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस भर्ती में शामिल हुए। कॉन्स्टेबल बने।
रामभजन ने नौकरी करते हुए राजस्थान विवि से ग्रेजुएशन ओर पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली। 2012 में हिंदी में एनईटी/जेआरएफ परीक्षा भी पास की।
फिर रामभजन ने कॉन्स्टेबल की ड्यूटी के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। बचे हुए समय में नोट्स बनाते थे।
राम भजन की शादी हो गई। पर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी नहीं छोड़ी। 2015 में पहली बार यूपीएससी एग्जाम दिया। पर सफल नहीं हुए।
रामभजन 2016 और 2017 में भी यूपीएससी क्लियर नहीं कर सके। 2018 में इंटरव्यू तक पहुंचे। पर मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना सके।
इस तरह रामभजन ने लगातार 7 बार यूपीएससी का एग्जाम दिया। पर उन्हें सफलता नहीं मिली।
रामभजन ने यूपीएससी 2022 में 8वीं बार ट्रॉय किया। उनकी 667वीं रैंक रही। हार्डवर्क करके इतिहास रच दिया। उनकी मॉं और पत्नी ने पूरा सहयोग किया। उनका सेल्फ स्टडी पर जोर रहा।