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रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविख्यात साहित्यकार, दार्शनिक, कवि के साथ भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूंकने वाले युगदृष्टा थे। उनके मोटिवेशनल कोट्स आज भी हमें प्रेरित करते हैं।
रवींद्रनाथ टैगोर कहते थे कि हमेशा तर्क करने वाला दिमाग उस धारदार चाकू की तरह है, जो यूज करने वाले के हाथ से खून निकाल देता है।
रवींद्रनाथ टैगोर का यह कथन हमेशा प्रासंगिक रहेगा कि 'प्रेम कभी अधिकार का दावा नहीं करता, चाहे वह किसी से भी हो, प्रेम स्वतंत्रता देता है।
रवींद्रनाथ टैगोर कहते थे कि खुश रहना बहुत सरल है, पर सरल होना ही बहुत कठिन है।
वह कहते थे कि यदि आप सभी त्रुटियों के लिए दरवाजा बंद कर देंगे तो सच अपने आप बाहर ही बंद हो जाएगा।
रवींद्रनाथ टैगोर का यह कथन काफी प्रचलित है कि ''जो मन की पीड़ा को साफ तौर पर नहीं कह सकता। उसी शख्स को क्रोध अधिक आता है।
उनका कहना था कि जैसे एक चिड़िया को घोंसला आश्रय (सोने के लिए ) देता है, उसी तरह तुम्हारी वाणी को मौन आश्रय देता है।
रवींद्र नाथ टैगोर के अनमोल विचार प्रसिद्ध हैं। उनका यह कथन कि ''उपदेश देना सरल है, लेकिन उपाय बताना कठिन।'' आज भी जन सामान्य में सुना जा सकता है।
टैगोर कहते थे कि दोस्ती की गहराई परिचित की लंबाई पर डिपेंड नहीं होती है।
रवींद्रनाथ टैगोर का एक अनमोल कथन यह भी है कि विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण के कारखाने हैं। उन्हें बनाने वाले कारीगर टीचर हैं।
विश्वास उस पक्षी की तरह है, जो प्रभात के अंधार में ही प्रकाश का अनुभव करता है, गाने लगता है।