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स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन के दूसरे साल से ही यूपीएससी की तैयारी में लग जाना चाहिए। ताकि स्नातक पूरा होते ही एग्जाम में बैठ सकें।
इसका यूपीएससी तैयारी पर बेहतर असर पड़ता है। एक तरफ तो एक साल के अंदर कोचिंग पूरी हो जाती है और पहले प्रयास में पास होने के ज्यादा चांसेज होते हैं।
टीचर्स का कहना है कि यूपीएससी तैयारी में एनसीईआरटी बुक्स का विशेष योगदान होता है। 6 से 12वीं क्लास की बुक्स को कम से कम 3 बार पढ़ना चाहिए।
स्टूडेंट्स का कॉन्सेप्ट क्लियर होना बहुत जरूरी होता है। यदि आपने टीचर से मिलकर अपना कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं किया तो आप यूपीएससी एग्जाम की तैयारी में उलझे रहेंगे।
ज्यादातर स्टूडेंट्स के मन में एक सवाल बार—बार कौंधता है कि वह कितने घंटे पढ़ें तो हमें डेली 6 घंटे नियमित पढ़ाई करनी चाहिए।
यूपीएससी की तैयारी में स्टूडेंट्स को धैर्य रखना चाहिए। इसका प्रॉसेस लंबा होता है। अन्य परीक्षाओं से अलग होता है। इसलिए धैर्य बनाए रखना सबसे जरूरी है।