बिना जूतों के दौड़ने वाले इबरार ने जीत लिया जहां
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बिना जूतों के दौड़ने वाले इबरार ने जीत लिया जहां

बचपन से ही खेल में थी रूचि
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बचपन से ही खेल में थी रूचि

प्रतापगढ़ के संग्रामपुर गांव के रहने वाले मोहम्मद इबरार की बचपन से ही खेल में रूचि थी। बिना जूतों के ही वह लांग जम्प और रनिंग करते थे। 
 

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गांव से शुरुआत कर स्टेट लेबल के खिलाड़ी बने
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गांव से शुरुआत कर स्टेट लेबल के खिलाड़ी बने

गांव में नागपंचमी पर होने वाले खेलों से शुरुआत की और जिले के स्टेडियम में ट्रायल दिया तो स्टेट लेबल के खिलाड़ी बनें। 

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पिता ने कहा-चलानी पड़ेगी टैक्सी
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पिता ने कहा-चलानी पड़ेगी टैक्सी

इबरार ने साल 2006 में हाईस्कूल पास की। घर की स्थिति बेहद खराब थी। वालिद ने स्पष्ट कर दिया कि यदि नौकरी नहीं मिली तो टैक्सी चलानी पड़ेगी। 
 

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एयरफोर्स में बन गए एयरक्राफ्ट मैन

एयरफोर्स में वैकेंसी निकली थी तो इबरार ट्रायल देने चले गए। उसी साल एयरफोर्स में एयरक्राफ्ट मैन की जॉब मिल गई। 

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साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल

इबरार ने विदेशों में भी जाकर मेडल जीता। साउथ एशियन गेम्स (ढाका) में गोल्ड मेडल, इंडियन इंडोर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (ईरान) में नेशनल रिकार्ड बनाया। 

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ईरान में ब्रान्ज मेडल झटका

एशियन इंडोर एथलेटिक्स चैम्पिय​नशिप ईरान में ब्रान्ज मेडल जीता। वर्ल्ड मिलिट्री चैम्पियनशिप (ग्रीस) में शामिल हुए। 

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गांव के बच्चों को भी करते रहे प्रोत्साहित

इबरार ने गांव के बच्चों को भी खेल के लिए प्रोत्साहित करते रहे। उसका फायदा मिला। संग्रामपुर गांव से एशिया लेबल तक के प्लेयर निकल रहे हैं। 

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62 मेडल जीत चुके हैं गांव से निकले खिलाड़ी

अब तक गांव से निकले खिलाड़ी स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल लेबल पर 62 मेडल जीत चुके हैं।

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खेल में रूचि रखने वाले बच्चों का मार्गदर्शन भी करते हैं इबरार

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