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कबाड़ 'डबल डेकर' बस को रक्षा झा ने बना दिया कैफ़े।

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बिहार के अररिया की रक्षा झा ने बिहार का पहला बस कैफ़े शुरू किया।

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रक्षा पूर्णिया यूनिवर्सिटी से इंग्लिश में ग्रैजुएट हैं।

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रक्षा के पिता संजय झा बिजनेसमैन हैं और माँ हाउस वाइफ हैं।

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बिज़नेस करने के बारे में रक्षा ने पिता से कहा तो उन्होंने मना कर दिया।

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पुलिस चौकी के बाहर कबाड़ डबल डेकर बस से बस कैफे का आईडिया आया।

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रक्षा ने बस कैफे पर रिसर्च किया,तो पाया की बिहार में बस कैफे नहीं है।

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रक्षा ने तय किया की बस कैफे से अपना स्टार्टअप शुरू करेंगीं।

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इस बारे में मम्मी को बताया तो उनका सपोर्ट मिला।

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रक्षा ने बस की मरम्मत करवाना शुरू कराया।

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बस के रेनोवेशन और इंटीरियर में पूरा एक साल लग गया।

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रेनोवेशन मरम्मत और इंटीरियर में 8 लाख रूपये खर्च हुए।

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रक्षा ने कैफे का नाम MW BISTRO रखा जिसका मतलब है महफ़िल ऑन व्हील।

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कैफे के इंटीरियर में बोनफायर, झोपडी , लाइटिंग का खूब इस्तेमाल हुआ है

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बस के नीचे रेस्टोरेंट है , जबकि ऊपर महफ़िल के इंतज़ाम है

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ड्राइविंग केबिन को किचन बनाया गया है।

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कैफे में वेज नॉन वेज डेज़र्ट हर तह की डिश अफोर्डेबल प्राइज़ में मौजूद है

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15 जुलाई को कैफे लांच के साथ रक्षा का सपना साकार हुआ।

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माउथ टू माउथ पब्लिसटी से लांच के दिन ही 500 लोग कैफे पहुंचे।

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