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गांव में 25 महिलाओं का ग्रुप (ग्रीन आर्मी) बनाया जाता है, ग्रीन आर्मी की महिलाएं एक सी हरे रंग की साड़ी पहनती हैं।
ग्रीन आर्मी की महिलाएं सप्ताह में दो बार गांव का दौरा करती हैं। खासकर उन जगहों पर जरुर जाती हैं, जहां गांव के पुरुष जुआ खेलते हैं।
महिलाएं जुआरियों के ताश के पत्तों को नष्ट भी करती हैं और पुरुषों को जुआ खेलने व शराब पीने के नुकसान के बारे में बताती हैं।
वाराणसी के खुशियारी गांव में 2017 में ग्रीन आर्मी की शुरुआत हुई थी। पूर्वांचल के 6 जिलों की 1800 महिलाएं ग्रीन आर्मी से जुड़ी हैं।
महिलाएं लोगों से शराब न पीने की अपील भी करती हैं। इसका असर भी पड़ा है। अब गांवों में जुआरियों व शराबियों की संख्या में कमी आई है।
25 महिलाओं का ग्रुप बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। एक अलग टीम महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती है।
ग्रीन आर्मी की महिलाओं को पुलिस मित्र का दर्जा भी मिला हुआ है। इसकी वजह से पत्नियों से मारपीट करने वाले पुरुषों में कानून का भय भी बना रहता है।
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