रायबरेली के रहने वाले डॉ. नितिन इजराइल की नौकरी छोड़कर भारत आए और मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया।
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मधुमक्खी पालन की बात पर लोगों ने उड़ाई थी खिल्लियां
दोस्त और परिवार के लोगों ने डॉ. नितिन से कहा कि इतना पढ़ाई करके क्या फायदा, जब मधुमक्खी पालन ही करना था।
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ताने सुनते-सुनते बना लिया मुकाम
लोगों ने उनकी खिल्लियां उड़ाईं। पर नितिन अपने मकसद से डिगे नहीं। ताने सुनते-सुनते उन्होंने अपने काम को मुकाम तक पहुंचाया।
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किसानों को दे रहे हैं ट्रेनिंग
अब नितिन खुद का प्रोडक्ट तो बना ही रहे हैं। साथ ही किसानों को मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। कई राज्यों के 1700 ऐसे किसान जुड़े हैं, जो अपना प्रोडक्ट बनाते हैं।
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यूथ को बनाते हैं उद्यमी
देश भर में 71 युवा नितिन से जुड़कर काम कर रहे हैं। नितिन अब उद्यमी बनाते हैं।
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मोम से बनाते हैं वैल्यू एडेड प्रोडक्ट
डॉ. नितिन शहद से वैल्यू एडेड प्रोडक्ट भी बनाते हैं। जैसे-मोम का साबुन, क्रीम, पेन बॉम, आदि।
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महिलाओं को भी दे रहे हैं ट्रेनिंग
कई संस्थाओं के साथ जुड़कर लखीमपुर में महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं। ताकि उनका भी जीवन स्तर बेहतर हो सके।
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करोड़ो में है टर्नओवर
डॉ. नितिन के शहद की बाजार में खूब डिमांड है। उनकी कम्पनी का टर्नओवर करोड़ों में है।
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10 बॉक्स से शुरु किया था शहद उत्पादन
डॉ. नितिन ने शुरुआती दिनों में सिर्फ 10 बॉक्स से शहद उत्पादन शुरु किया था। आज हजारों की संख्या में बॉक्स से शहद उत्पादन होता है।