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झारखंड के सरायकेला के बासुरदा गांव के रहने वाले कामदेव पान ने शुरुआती पढ़ाई गांव से ही की। बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे।
कामदेव पान का स्कूल काफी दूर था। इसलिए उन्होंने साइकिल को ही ई-बाइक में तब्दील कर दिया।
कामदेव पान ने गांव वालों को भी 50 से 60 ई-बाइक बनाकर दी।
कामदेव पान को सोशल मीडिया के जरिए 2017 में बाजार में पहचान मिली। बाइक के आर्डर मिलने शुरु हुए।
कामदेव पान अब तक देश भर में 600 ई बाइक बेच चुके हैं।
कामदेव पान ने आर्थिक संकट दूर करने के लिए एक नामी गिरामी कम्पनी में सालाना 26 लाख के पैकेज पर काम भी किया।
कामदेव पान साल से डेढ़ साल तक नौकरी करने के बाद फिर वापस आएं और इनोवेशन में जुट गए।
झारखंड के कामदेव पान ड्रोन कार बना रहे हैं। उनका कहना है कि ये कॉमर्शियल यूज में आ सकता है।
कामदेव पान का कहना है कि 2025 तक उनकी ड्रोन कार मार्केट में आ जाएगी।
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