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द्वितीय वर्ल्ड वॉर में एक शख्स ने 669 यहूदी बच्चों को हिटलर के प्रकोप से बचाया था। तब जर्मनी में यहूदियों के कत्ल-ए-आम का आर्डर था।
उस समय एक शख्स देवदूत की तरह आया और योजनाबद्ध तरीके से 669 बच्चों को चेकोस्लोवाकिया से इंग्लैंड ले गया। हम बात कर रहे हैं सर निकोलस विंटन की।
सर निकोलस विंटन ने बच्चों को ऐसे लोगों को दिया, जो चाइल्ड एडॉप्ट करना चाहते थे।
निकोलस विंटन ने यह राज कभी दुनिया के सामने जाहिर नहीं किया।
घटना के 49 साल बाद उन्हें एक शो में इनवाइट किया गया। जब वह वहां पहुंचे तो बहुत सारे बच्चे तालियां बजा रहे थे। यह वही बच्चे थे, जिन्हें निकोलस विंटन ने कभी बचाया था।
सर निकोलस विंटन को 2003 में नाइट की उपाधि से नवाजा गया। 106 साल की उम्र में 2015 में मृत्यु हुई।
उनके जीवन पर One Life मूवी भी बनी। यह फिल्म यूके में 1 जनवरी 2024 को रिलीज की गई थी।