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शादी के बाद उन्होंने फाउंटेन पेन की स्याही बेचनी शुरु की।
राजस्थान के भीलवाड़ा में जन्मे सत्यनारायण नुवाल के पिता पटवारी थे। 1971 में उनके रिटायर होने के बाद जरूरतें पूरी करने के लिए फैमिली संघर्ष करने लगी।
सत्यनारायण 1977 में महाराष्ट्र के चंद्रपुर के बल्हारशाह गए, जहां उनकी मुलाकात कुएं खोदने, खदानों की खुदाई में यूज होने वाले विस्फोटकों के व्यापारी से हुई।
यही इनके करियर का टर्निंग प्वाइंट था। 1,000 रुपये महीने पर अल्लाहभाई के विस्फोटकों को बेचने के उनके लाइसेंस का उपयोग करने लगे।
प्रतिस्पर्धा बढ़ने पर विस्फोटकों का निर्माण शुरु करना पड़ा। 1995 में एसबीआई से लोन लेकर एक छोटी इकाई शुरु की।
उनकी कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स ड्रोन के लिए वारहेड बनाती है। इसके अलावा हथगोले, सैन्य विस्फोटक, रॉकेट और अग्नि जैसी मिसाइलों के लिए आयुध बनाती है।