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पटना के रहने वाले अनिल अग्रवाल ने 20 साल की उम्र में बिहार छोड़कर सिर्फ एक टिफिन बॉक्स लेकर मुंबई आए थे।
अनिल अग्रवाल ने मुंबई में आकर पहली बार डबल डेकर बस और टैक्सी देखी। साल 1970 में कबाड़ के कारोबार की शुरुआत की।
अनिल अग्रवाल ने साल 1976 में शमशेर स्टर्लिंग केबल कंपनी खरीद डाली पर धंधा नहीं चला।
हालत यह हो गई कि उनके पास कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं बचे थे।
अनिल अग्रवाल ने उसके बाद 9 अलग-अलग बिजनेस की शुरुआत की। पर किसी में सफलता नहीं मिली।
अनिल अग्रवाल ने शुरुआती 20-30 साल संघर्ष में बिताए। कई साल तक डिप्रेशन में भी रहे। लगातार कोशिश के बाद भी उन्हें सक्सेस नहीं मिली।
अनिल अग्रवाल ने 1980 में स्टरलाइट इंडस्ट्री खरीदी। 1990 में कॉपर रिफाइंड का काम शुरु किया।
अनिल अग्रवाल की स्टरलाइट देश की पहली निजी कम्पनी थी, जो कॉपर रिफाइन करती थी। उसके बाद वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए।
अब उनकी कम्पनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के देश भर में लगभग 64 हजार कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर्स हैं। उनकी कुल संपत्ति 16713 करोड़ रुपये है।