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UPSC एग्जाम के 5 पॉपुलर मिथक, जानिए सच क्या है?

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एस्पिरेंट्स के मन में घूमते रहते हैं ये सवाल

यूपीएससी एग्जाम को लेकर बहुत सारे एस्पिरेंट्स के मन में तमाम शंका घूमती रहती है, जो प्रिपरेशन करने वाले स्टूडेंट्स के बीच पॉपुलर हैं। आइए जानते हैं ऐसे 5 मिथक।

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मिथक. 1- बड़े संस्थानों के छात्र ही परीक्षा के लायक

तथ्य—ऐसा नहीं है, यूपीएससी एग्जाम में आपके माइंडसेट, स्किल्स, विश्लेषण कैपेसिटी, सेवा भाव, क्रिटिकल थिंकिंग और व्यक्तित्व की परीक्षा ली जाती है।
 

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मिथक. 2—इंग्लिश मीडियम से सक्सेस की संभावना अधिक

तथ्य—यूपीएससी एग्जाम में आप अपनी भाषा खुद चुन सकते हैं। बस आपकी उस भाषा पर पकड़ और स्पष्ट अभिव्यक्ति होनी चाहिए।

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मिथक. 3—सक्सेस के लिए कोचिंग जरूरी

तथ्य—यूपीएससी एग्जाम में कोचिंग ही एकमात्र सफलता का रास्ता नहीं है, इससे आपको मदद मिल सकती है। बहुत सारे लोगों ने बिना कोचिंग के सक्सेस पाई है। 
 

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मिथक. 4—यूपीएससी सबसे कठिन एग्जाम

तथ्य—ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यूपीएससी में सक्सेस रेट 1% से भी कम है। वास्तव में लाखों अभ्यर्थियों में से आधे लोग गंभीर नहीं होते। कम से कम 6 अटेम्पट दे सकते हैं।

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मिथक. 5—तैयारी के लिए डेली 16 घंटे पढ़ाई

तथ्य—यूपीएससी की तैयारी में टाइम मैनेजमेंट, विषयों पर पकड़ और तैयारी की जरूरतों के बीच संतुलन बनाना होता है। 16 घंटे पढ़ना सफलता की गारंटी नहीं है।
 

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