दिल्ली की इस मस्जिद में नज़र आती है परछाईं, बैन है जाना
Hindi

दिल्ली की इस मस्जिद में नज़र आती है परछाईं, बैन है जाना

क्या आप  जानते हैं जमाली कमाली मस्जिद के बारे में
Hindi

क्या आप जानते हैं जमाली कमाली मस्जिद के बारे में

हुमायूं के  मकबरा के बारे में सब जानते है। लेकिन, क्या आप जमाली कमाली मकबरा के बारे में जानते हैं। आज  हम आपको इस मकबरा के बारे में करीब से बताने जा रहे हैं। 

 

Image credits: our own
दिलचस्प इतिहास है
Hindi

दिलचस्प इतिहास है

मकबरे को लेकर 2 बातें कही जाती हैं कुछ का मानना है की इसका निर्माण मुग़ल सम्राट बाबर ने  साल 1528 के आसपास किया गया था। तो कुछ कहते हैं की हुमायू के शासनकाल में इसका निर्माण हुआ था 

 

Image credits: our own
सूफी की इबादतगाह
Hindi

सूफी की इबादतगाह

बताया जाता है  कि सूफी हजरत जमाली अल्लाह की इबादत करते हैं और लगभग 1536 में जमाली की मृत्यु के बाद उन्हें इसी जगह दफनाया गया था।

 

Image credits: our own
Hindi

एक नहीं दो कब्र

हजरत जमाली के ठीक बगल में हजरत कमाली को भी दफनाया गया था, जिसके बाद इस जगह को जमाली कमाली मकबरा के नाम से जाना जाने लगा। 

 

Image credits: our own
Hindi

कब्रों से आती हैं आवाज़ें

कुछ लोगों का मानना है कि इस वीरान जगह में इन कब्रों से आज भी रात के समय दुआ की आवाजें आती हैं।हालांकि कभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। 

 

 

Image credits: our own
Hindi

भुतहा कहानियों के लिए प्रसिद्ध


 लोगों कि माने तो यहां किसी अंजान परछाई का साया है, जिसकी वजह से शाम होते ही बहुत से लोग जाने से डरते हैं।

Image credits: our own
Hindi

सूफी अंदाज में सुनाई देती हैं आवाजें

इसके अलावा कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इस मकबरे और इसके आसपास की जगहों पर आज भी रात के समय में सूफी अंदाज में कुछ आवाजें सुनाई देती हैं।

Image credits: our own

भूलकर भी मत जाना अकेले,इस सड़क से खत्म हो जाता है धरती का रास्ता

एक चर्च जो गहरे पानी में डूबता है, फिर निकलता है

किला जहां सूर्यास्त के बाद पैरानॉर्मल एक्टिविटी होती है, बैन है जाना

एक गांव जहां से रातों रात लोग हो गए थे गायब, रात में जाना है मना