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250 साल पुराना पेड़ जिसकी जटाएं पानी ढूंढने ज़मीन पर उतरीं, बन गया जंगल

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में बरगद के  पेड़

कोलकाता में मौजूद  250 साल पुराने  बरगद के  पेड़ का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है।  इस पेड़ को द ग्रेट बनियन ट्री के नाम से भी जाना जाता है। 

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कोलकता में मौजूद दुनिया का सबसे बड़ा बरगद

ये विशाल बरगद का पेड़ कोलकाता के आचार्य जगदीश चंद्र बोस बॉटनिकल गार्डेन में स्थित है। 1787 में इस पेड़ को यही स्थापित किया गया था। उस दौरान इसकी उम्र करीबन 20 साल थी।

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नहीं देखा होगा इतनी बड़ी शाखाएं

 पेड़ की इतनी जड़ें और बड़ी-बड़ी शाखाएं हैं, जिसकी वजह से ये हर किसी को देखने में ऐसा लगता है, जैसे कोई जंगल में आ गया हो। इस देखकर आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि ये सिर्फ पेड़ है।

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14,500 वर्ग मीटर में फैला  पेड़

 पेड़ 14,500 वर्ग मीटर में फैला है। बरगद के पेड़ की शाखाओं से निकलने वाली जटाएं पानी की तलाश में जमीन में नीचे की ओर बढ़ती गईं और इस तरह यह जंगल में तब्दील होता गया।

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3000 से ज़्यादा जटाएं

इसकी सबसे ऊंची शाखा 24 मी. लंबी है। वर्तमान में जमीन तक पहुंचने वाली स्तंभ जड़ों की कुल संख्या 3,772 है। यहां 87 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं।

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तूफ़ान भी नहीं हिला सके

1884 और 1925 में कोलकाता में आए चक्रवाती तूफानों ने बरगद के पेड़ को काफी नुकसान पहुंचाया था। इस वजह से शाखाओं में फंफूदी लग गई थी, जिस वजह से उन्हें काटना पड़ गया था।

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डाक टिकट

इस विशाल बरगद के सम्मान में भारत सरकार ने साल 1987 में डाक टिकट जारी किया था और यह बरगद बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया का प्रतीक चिन्ह भी है।

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वॉकिंग ट्री

 इसे वॉकिंग ट्री भी कहते हैं। जिधर पॉल्यूशन अधिक होता है उधर इसकी ग्रोथ नहीं होती है। इसकी देखभाल के लिए13 ट्रेंड लोगों को नियुक्त किया गया है। जिसमें चार सीनियर बॉटेनिस्ट  हैं।

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