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ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के हक में वाराणसी जिला कोर्ट का बड़ा फैसला आया है अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में मौजूद विकास तहखाना की पूजा का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया है।
यह तहखाना मस्जिद के भीतर स्थित है। जिसे देखते हुए अदालत में प्रशासन को 7 दिन के अंदर व्यवस्था करने का आदेश दिया है हिंदू पक्ष ने अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर की है।
व्यास जी तहखाना में 1993 से पहले हिंदू पक्ष को पूजा पाठ करने की अनुमति थी लेकिन 1993 में तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार के मौखिक आदेश पर यहां पूजा पाठ रुकवा दिया गया था।
व्यास जी तहखाना ज्ञानवापी के नीचे स्थित है दावा है,यहां पर हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां है हाल ही में ASI की रिपोर्ट में ऐसे साक्ष्य मिले हैं जो मंदिर होने की पुष्टि करते हैं।
कोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा जहां पर नंदी स्थित है ठीक उसी के सामने व्यास जी का तहखाना है 1993 तक यहां पूजा की जाती थी लेकिन फिर इस पर रोक लगा दी गई।
फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई है साथ ही उनका कहना है कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। फैसले की पूरी कॉपी पढ़ाने के बाद हम ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
1993 तक सोमनाथ व्यास व्यास के खाने की पूजा करते थे हालांकि उसके बाद यहां पर पाबंदी लगा दी गई। 2016 में सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र पाठक ने अदालत में याचिका दाखिल की थी।
शैलेंद्र पाठक ने नाना के तौर पर तहखाना में प्रवेश-पूजा करने की मांग की अनुमति मांगी थी। आरोप लगाया कि मस्जिद समिति के लोग यहां पर आते जाते रहते हैं जिससे यहां पर कब्जा कर सकते हैं।
अदालत के फैसले के बाद तहखाना जिला प्रशासन के सुपुर्द कर दिया गया है। कोर्ट ने नंदी के सामने की बैरिकेडिंग खोलने की अनुमति दी है ताकि हिंदू पक्ष के लोग भगवान की पूजा अर्चना कर सकें।