News

अब दवाओं में QR कोड का इस्तेमाल, नकली दवाओं पर शिकंजा

Image credits: pexels

नकली दवा से मिलेगा छुटकारा

सरकार ने नकली दवाओं पर लगाम लगाने के लिए 300 दवाओं पर क्यूआर कोड लागू करने का आदेश दिया है। 1 अगस्त से ये नियम लागू हो गया है। 

Image credits: pexels

QR कोड स्कैन कर ले सकेंगे जानकारी

भारत के ड्रग्स कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने फार्मा कंपनियों को सख्त आदेश दे दिए हैं। क्यूआर को स्कैन करके आप अपनी दवा के बारे में काफी कुछ पता लगा सकेंगे। 
 

Image credits: pexels

300 दवाओं पर बार कोड लगाना अनिवार्य

सरकार के आदेश के मुताबिक, 300 दवाओं के ब्रांड को अपनी दवाओं पर क्यूआर कोड या बार कोड लगाना अनिवार्य है। 
 

Image credits: pexels

कौन-कौन सी दवाओं को किया गया शामिल ?

एलिग्रा, शेलकेल, काल्पोल, डोलो और मेफ्टेल जैसी दवाओं के साथ दर्द, बुखार, प्लेटलेट, शुगर, गर्भनिरोधक दवा, विटामिन सप्‍लीमेंट्स, थायरॉयड आदि की दवा शामिल हैं।

Image credits: pexels

नियम न मानने पर होगी कार्रवाई

DCGI का कहना है, नियमों न मानने पर दवा कंपनियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। 

Image credits: pexels

देश में फैला नकली दवाओं का मकड़जाल

बता दें, बीते कुछ सालों में नकली दवाओं के कारोबार में वृद्धि देखने को मिली है। 

Image credits: pexels

नकली दवाओं की रोकथाम के लिए सरकार का फैसला

केंद्र सरकार ने देश में बढ़ रहे नकली दवाओं के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए और इनको रोकने के लिए ये कदम उठाया है। 

Image credits: pexels

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 में किया गया संशोधन

 सरकार ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 में संशोधन किया है और इसके जरिए दवा कंपनियों को अपने ब्रांड पर H2/QR लगाना अनिवार्य कर दिया है। 
 

Image credits: pexels

सरकार के फैसले का क्या होगा फायदा ?

QR कोड लगाने से असली दवाओं की पहचान के अलावा, मैन्युफेक्चरर कंपनी को ट्रैक किया जा सकेगा। इससे ये भी पता लग सकेगा की दवाओं के फॉर्मूले के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई। 

Image credits: pexels
Find Next One