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भारत ने इजराइल और हमास वॉर से सबक लेते हुए हैंग ग्लाइडर को लेकर नियम कड़े कर दिए हैं।
भारत में हैंग ग्लाइडर उड़ाने के लिए अब डीजीसीए से परमिशन की आवश्यकता होगी। बिना परमिशन इसे बेचा भी नहीं जा सकता।
हैंग ग्लाइडर्स पायलटों को लाइसेंसिंग की जरूरतों को भी पूरा करना पड़ सकता है। सभी मानदंड भी पूरे करने होंगे।
भारत में बिना परमिशन हैंग ग्लाइडर उड़ाने के नतीजे गंभीर होंगे।
देश में अब ग्लाइडर खरीदने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी।
हैंग ग्लाइडर आमतौर पर हल्की उड़ने वाली मशीनों की तरह काम करते हैं। त्रिकोण के आकार का होता है।
ऐसी उड़ानों से लोगों को पहाड़ी और सुंदर प्राकृतिक स्थानों को आसमान से देखने का सुखद अनुभव मिलता है।