अनोखी शादी: 70 साल की उम्र में दूल्‍हा बने लाल बिहारी 'मृतक'

News

अनोखी शादी: 70 साल की उम्र में दूल्‍हा बने लाल बिहारी 'मृतक'

Image credits: Social Media
<p>आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित अमिलो गांव निवासी लाल बिहारी 'मृतक' ने कागज पर खुद को जिंदा करने की 40 वर्षों तक लड़ाई लड़ी।</p>

कौन है लाल बिहारी 'मृतक'?

आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित अमिलो गांव निवासी लाल बिहारी 'मृतक' ने कागज पर खुद को जिंदा करने की 40 वर्षों तक लड़ाई लड़ी।

Image credits: Social Media
<p>लाल बिहारी को 1976 सरकारी कागजों में मरा हुआ मान लिया गया था। उनकी संपत्ति चचेरे भाइयों के नाम दर्ज हो गई।</p>

1976 में कागजात में माना गया मृतक

लाल बिहारी को 1976 सरकारी कागजों में मरा हुआ मान लिया गया था। उनकी संपत्ति चचेरे भाइयों के नाम दर्ज हो गई।

Image credits: Social Media
<p>उनके संघर्ष को देखते हुए डीएम ने 1994 में उन्हें कागजों में फिर जिंदा घोषित कर दिया। फिर भी जमीन के कागजों पर उनका नाम नहीं चढ़ा।</p>

1994 में कागजों में हुए जिंदा

उनके संघर्ष को देखते हुए डीएम ने 1994 में उन्हें कागजों में फिर जिंदा घोषित कर दिया। फिर भी जमीन के कागजों पर उनका नाम नहीं चढ़ा।

Image credits: Social Media

नाम के आगे लिख लिया 'मृतक', फिल्‍म भी बनी

सरकार के अन्याय को लाल बिहारी ने अपने नाम से जोड़ा और नाम के आगे 'मृतक' लिख लिया। उनकी कहानी पर अभिनेता पंकज त्रिपाठी अभिनीत मूवी 'कागज' भी बन चुकी है। 

Image credits: Social Media

2017 में जमीन के कागजों में दर्ज हुआ नाम

आखिरकार निजामाबाद एसडीएम ने 16 जनवरी 2017 को उनका नाम सह खातेदार के रूप में दर्ज किया। 40 साल बाद अखिलेखों में वह मुर्दा से जिंदा घोषित हुए।

Image credits: Social Media

पत्नी के साथ रचाई शादी

लाल बिहारी 'मृतक' ने पत्नी करमी देवी के साथ पुनर्विवाह किया। इसी को लेकर वह एक बार फिर चर्चा मे हैं। वह कहते हैं कि ऐसा समाज को संदेश देने के लिए किया गया है। 

Image credits: Social Media

क्या है ऑपरेशन कैक्टस? जब मदद के लिए भारत से सामने गिड़गिड़ाया मालदीव

AI एक्सपर्ट,हार्वर्ड यूनिवर्सिटी फेलो,डेटा साइंटिस्ट,टॉपर है सूचना सेठ

सूचना सेठ ने क्यों घोंटा 'ममता' का गला,पति या कुछ और वजह ?

'भारत के मालदीव' में टूरिस्ट के लिए क्या कर रही सरकार?