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साउथ स्टेट तेलंगाना में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। जबकि दो बार सीएम रहे केसीआर की पार्टी BRS औंधे मुंह गिर पड़ी। इसी बीच रेवंत रेडड्डी की चर्चा हो रही है।
रेवंत रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हैं। जिनकी कांग्रेस की नैय्या पार लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्हें सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
रेवंत रेड्डी ने जमीन पर रहकर तेलंगाना में कांग्रेस के लिए चुनावी जमीन तैयार की। जिसके बाद माना जा रहा है कि उन्हें सीएम फेस बनाया जा सकता है।
रेवंत रेड्डी पूरे चुनाव में जमीन पर बने रहें। उन्होंने ABVP से छात्र राजनीति की शुरुआत की। बाद में रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP का दामन थाम लिया।
2017 में रेवंत रेड्डी काग्रेस में शामिल हुए। 2018 में बीआरएस की आंधी में वह विधानसभा चुनाव हार गए लेकिन पार्टी ने 2019 में लोकसभा का टिकट दिया और इस बार उन्होंने जीत हासिल की।
2021 में पार्टी आलाकमान ने रेवंत रेड्डी पर भरोसा जताते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी और प्रदेशाध्यक्ष बनाया। रेड्डी भी पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे और चुनाव के लिए मेहनत करते रहे।
2014 में तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग हो गया। ये तेलंगाना का तीसरा विधानसभा चुनाव था। पहले दो चुनावों में KCR सत्ता में रहे लेकिन इस बार जनादेश कांग्रेस और रेवंत रेड्डी को गया है।