क्या आने वाले साल पड़ेगी बेतहाशा गर्मी! क्या कहती है नयी स्टडी?
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प्राकृतिक आपदाओं की वजह बढ़ता तापमान
दुनिया भर में मौसमी आपदाओं की वजह बढ़ता हुआ तापमान है। आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के क्लाइमेट साइंटिस्ट ने इसको लेकर कुछ बड़ी बाते कही हैं।
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दिसंबर के बजाए जनवरी के अंत में बर्फबारी
सामान्यत: भारत में दिसंबर के महीने में बर्फबारी हो जाती है। पर इस बार बर्फबारी जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह में देखी गई।
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इसको लेकर सामने आई स्टडी
मौसम में इसी बदलाव को लेकर एक स्टडी सामने आई है। उसके मुताबिक, बढ़ते तापमान की वजह से ऐसा है, जो 2 डिग्री सेल्सियस के आसपास तक बढ़ा है।
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यह सभी के लिए जागने का वक्त
यह समय सभी के लिए जागने का है। यह हम नहीं, बल्कि यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के जियोकेमिस्ट मैल्कम मैक्लुलोच ने कही हैं।
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2050 तक टेम्प्रेचर कम करने का दावा बेकार
उनका कहना है कि दुनिया भर के देश धरती का टेम्प्रेचर 2050 तक डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक कम करने का दावा करते हैं, मौजूदा बदलाव को देखते हुए कहा जा सकता है कि वह बेकार हो चुका है।
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टेम्प्रेचर की वजह से कभी तूफान तो कभी बाढ़
तापमान की वजह से कभी बाढ़ और कभी तूफान आ जाता है। बढ़ते हुए तापमान की वजह से ऐसा हो रहा है।
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आने वाला समय ज्यादा चुनौतीपूर्ण
उनका कहना है कि आने वाला समय ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। गर्मी बेतहाशा बढ़ेगी, लोग सूखे इलाको में रहने को मजबूर होंगे।
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1860 से शुरु हुई थी ग्लोबल वार्मिंग
स्टडी के मुताबिक, 1860 में इंसानों की वजह से ग्लोबल वार्मिंग की शुरुआत हो गई थी।