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मणिपुर में AFSPA की अवधि 30 सितम्बर को समाप्त हो रही थी। पर अब इसे 6 महीने के लिए और बढ़ाया गया है। अब 31 मार्च तक ये कानून लागू रहेगा।
AFSPA को 'डिस्टर्ब एरिया' मतलब 'अशांत इलाकों' में लागू किया जाता है। यह कानून 11 सितंबर 1958 को बना।
AFSPA का फुल फॉर्म Armed Forces Special Powers Act यानी सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम है।
AFSPA कानून सुरक्षा बलों को असीमित अधिकार देता है। बिना किसी वारंट के भी आर्म्ड फोर्सेज किसी को भी अरेस्ट कर सकते हैं।
AFSPA के मुताबिक, सुरक्षा बल किसी पर भी बल प्रयोग कर सकते हैं, गोली भी चला सकते हैं। हालांकि उसके पहले चेतावनी देना जरुरी होता है।
सुरक्षा बल चाहें तो किसी भी घर या परिसर की तलाशी ले सकते हैं। इसका उन्हें अधिकार मिल जाता है। किसी को रोककर भी तलाशी ले सकते हैं।
सुरक्षाबल को यदि लगता है कि उग्रवादी किसी बिल्डिंग में छिपे हैं, उसे ध्वस्त भी कर सकते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि जब तक केंद्र सरकार अपनी सुरक्षा बलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मंजूरी नहीं देती है। तब तक उनके खिलाफ कोई केस नहीं किया जा सकता।
जानकारी के अनुसार, AFSPA कानून वर्तमान में असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर के कुछ हिस्सों में लागू है।
AFSPA कानून असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड समेत कई जगहों पर लागू किया गया था। समय-समय पर इसमें परिवर्तन होता रहा।
साल 2004 में मणिपुर के कांगला में 12 मणिपुरी वुमेन ने असफ राइफल्स के कांगला हेडक्वार्टर के सामने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया था।