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कौन थे कर्पुरी ठाकुर? CM बनने के बाद भी पिता करते थे नाई का काम

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पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में पहचान

कर्पूरी ठाकुर को उत्तर भारत में पिछड़े वर्ग की वकालत करने वाले नेता के रूप में जाना जाता है।

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समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में जन्मे

कर्पूरी ठाकुर नाई समुदाय से थे। उनके पिता गोकुल ठाकुर और मां रामदुलारी देवी थीं। उनके गांव को अब कर्पूरी ग्राम कहा जाता है।

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बिहार के दो बार सीएम और एक बार डिप्टी सीएम

कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार सीएम और एक बार डिप्टी सीएम तक बने। उनकी सादगी और सरलता के किस्से मशहूर हैं।

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पढ़ाई के समय ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन में शामिल

कर्पूरी ठाकुर पढ़ाई के समय ही ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन में शामिल हो गए। लोहिया विचारधारा से प्रभावित हुए।

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रिक्शे से चलते थे कर्पूरी ठाकुर

दो बार सीएम, एक बार डिप्टी सीएम और करीबन 30 साल तक चुनाव जीतते रहें। उसके बाद भी वह रिक्शे पर चलते थे।

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पिता ने कहा बेरोजगार है बेटा

उनके पिता गोकुल ठाकुर नाई का काम करते थे। उनसे किसी ने कर्पूरी ठाकुर के बारे में पूछा तो कहा बेटा बेरोजगार है। एक पैसा नहीं देता है।
 

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आजादी की लड़ाई में हुए शामिल

कर्पूरी ठाकुर देश की आजादी की लड़ाई में भी शामिल हुए थे। उन्हें टीचर, राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में पहचाने जाने लगे।
 

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